नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) उद्योग निकाय भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) ने सोमवार को इस्पात आयात पर शुल्क लगाने की अमेरिकी प्रशासन की घोषणा पर ‘गहरी चिंता’ जताई।
आईएसए के अध्यक्ष नवीन जिंदल ने बयान में कहा कि अमेरिका के इस कदम से वैश्विक व्यापार में व्यवधान बढ़ेगा और इस्पात उद्योग के लिए चुनौतियां बढ़ेंगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह विभिन्न देशों से इस्पात और एल्युमीनियम के सभी आयात पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा करेंगे।
जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन जिंदल ने कहा, ‘‘आईएसए इस्पात आयात पर शुल्क लगाने के अमेरिकी निर्णय पर गहरी चिंता व्यक्त करता है। इस नवीनतम शुल्क से अमेरिका को होने वाले इस्पात निर्यात में 85 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है। ऐसा होने पर बड़ा अधिशेष पैदा होगा जिससे प्रमुख बाजारों में से एक भारत में भरमार हो जाएगी।’’
इस्पात के प्रमुख आयातकों में से एक अमेरिका ने ऐतिहासिक रूप से कड़े व्यापार प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें भारतीय इस्पात के खिलाफ 30 से अधिक उपचारात्मक कदम शामिल हैं जिनमें से कुछ तीन दशक से भी अधिक पुराने हैं।
जिंदल ने कहा कि लंबे समय से डंपिंग-रोधी शुल्क और प्रतिकारी शुल्क उपायों के कारण अमेरिका को भारत का कार्बन स्टील निर्यात पहले से ही नगण्य है। ऐसे में नया निर्णय केवल समस्या को बढ़ाएगा और स्थिति को और बिगाड़ेगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा वैश्विक इस्पात के लिए अपने दरवाजे बंद करने के साथ घरेलू बाजार में अधिशेष उत्पादों के आने से कीमतों में गिरावट और अनुचित प्रतिस्पर्धा का खतरा होगा।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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