इस्लामाबाद, आठ फरवरी (भाषा) पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने देश में पिछले साल हुए आम चुनाव में कथित धांधली के खिलाफ आठ फरवरी को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने के लिए शनिवार को रैलियां आयोजित कीं, जिसके बाद पार्टी के कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इमरान खान की पार्टी ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी स्वाबी में अपनी मुख्य रैली का आयोजन किया था और यहां पार्टी सत्ता में है। इसने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से देश भर में प्रदर्शन करने के लिए कहा था।
पार्टी ने इससे पहले लाहौर के ऐतिहासिक मीनार-ए-पाकिस्तान पर रैली करने की योजना बनाई थी, लेकिन पंजाब प्रांत के अधिकारियों की ओर से अनुमति न मिलने के कारण उसे यह योजना स्थगित करनी पड़ी।
मरयम नवाज के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने पूरे प्रांत में आठ फरवरी को धारा 144 लागू कर दी थी, जिसके तहत सभी राजनीतिक सभाओं, समारोहों, धरनों, रैलियों, प्रदर्शनों और अन्य ऐसी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इमरान की पार्टी के कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए कार्यक्रम स्थल के अंदर और आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
पुलिस ने समूहों में प्रदर्शन करने वालों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी की बेटी मेहर बानो कुरैशी सहित कई कार्यकर्ताओं को मुल्तान शहर में गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने कथित तौर पर चुराए गए जनादेश के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर ‘‘कठपुतली सरकार’’ के खिलाफ प्रदर्शन किया।
पुल चट्टा में धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में जाहिद बहार हाशमी और दलीर मेहर को भी गिरफ्तार किया गया।
देश में सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने कानून का सरासर उल्लंघन करते हुए और लाहौर में धारा 144 लागू होने के बावजूद अपनी सरकार के एक वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए एक रैली आयोजित की।
पीएमएलएन ने रैली में शामिल हुए लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया था।
संघीय सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने सभा को संबोधित किया था।
तहरीक-ए-इंसाफ ने कहा कि सेना और मौजूदा शासकों ने पिछले साल आठ फरवरी के आम चुनावों में लोगों के जनादेश को चुराया था।
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता मलिक अहमद खान भछार ने कहा कि वर्तमान में सत्ता में मौजूद पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाए और तहरीक-ए-इंसाफ के प्रतिद्वंद्वियों को विजेता घोषित कर दिया जबकि वे हार रहे थे।
भाषा प्रीति नरेश
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