इतिहास पर लेखन के लिए प्रतिष्ठित वोल्फसन पुरस्कार की दौड़ में शिक्षाविद जोया चटर्जी, नंदिनी दास

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(अदिति खन्ना)


लंदन, 23 सितंबर (भाषा) ब्रिटेन में रह रहीं शिक्षाविद जोया चटर्जी और नंदिनी दास समेत छह लेखकों को इतिहास पर उनके बेहतरीन लेखन के लिए प्रतिष्ठित वोल्फसन पुरस्कार की अंतिम सूची में शामिल किया गया है।

दिल्ली में जन्मीं चटर्जी, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के इतिहास संकाय में दक्षिण एशियाई इतिहास की प्रोफेसर हैं। उनकी किताब ‘शैडोज एट नून: द साउथ एशियन ट्वेंटिएथ सेंचुरी’ को अंतिम सूची में शामिल किया गया है। इस किताब में ब्रिटिश राज से लेकर स्वतंत्रता और विभाजन तक के इतिहास को दर्शाया गया है।

कोलकाता में जन्मीं दास ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रारंभिक आधुनिक साहित्य और संस्कृति की प्रोफेसर हैं। उनकी किताब ‘कोर्टिंग इंडिया: इंग्लैंड, मुगल इंडिया एंड द ऑरिजिन्स ऑफ एम्पायर’ वैश्विक सांस्कृतिक समझ के लिए ‘ब्रिटिश एकेडमी बुक’ पुरस्कार की दौड़ में है। यह किताब भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटेन के प्रारंभिक प्रभाव पर प्रकाश डालती है।

इन ऐतिहासिक कृतियों को कई शताब्दियों और देशों को कवर करने वाली पुस्तकों के साथ सूचीबद्ध किया गया है। इनमें न केवल भारत और पाकिस्तान, बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, बांग्लादेश, जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका के इतिहास के महत्वपूर्ण घटनाक्रम का उल्लेख है।

‘वोल्फसन हिस्ट्री प्राइज’ 2024 के चयन मंडल के अध्यक्ष ब्रिटिश लेखक-इतिहासकार डेविड कैनाडाइन ने कहा, ‘‘इस वर्ष अंतिम सूची में जगह बनाने वाली किताबें समकालीन ऐतिहासिक लेखन की व्यापकता को प्रदर्शित करती हैं।’’

इतिहास पर लेखन के लिए प्रतिष्ठित ‘वोल्फसन हिस्ट्री प्राइज’ में कुल 75,000 पाउंड की राशि प्रदान की जाती है-जिसमें विजेता को 50,000 पाउंड तथा अंतिम सूची में शामिल पांच लेखकों में से प्रत्येक को 5,000 पाउंड की राशि प्रदान की जाती है।

वर्ष 2024 के पुरस्कार के विजेता की घोषणा दो दिसंबर को लंदन में एक समारोह में की जाएगी। वोल्फसन पुरस्कार आज के समाज के लिए इतिहास और ऐतिहासिक लेखन की प्रासंगिकता को प्रदर्शित करनेवाली किताबों को चिह्नित करता है।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप



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