गुवाहाटी, 12 जनवरी (भाषा) भारतीय वाणिज्य मंडल (आईसीसी) ने रविवार को अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद के उस निर्णय का स्वागत किया जिसमें राष्ट्रीय जलमार्गों के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए पांच वर्षों की अवधि में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने का निर्णय लिया गया है।
आईसीसी के चेयरमैन (एनईआर) महेश कुमार सहारिया ने एक बयान में पिछले सप्ताह काजीरंगा में हुई बैठक में लिए गए परिषद के निर्णय की सराहना की।
उन्होंने कहा, “यह समग्र कदम अंतर्देशीय जलमार्ग नेटवर्क की स्थिति को और मजबूत करेगा तथा क्षेत्रीय संपर्क और व्यापार को उन्नत करेगा।”
सहारिया ने कहा, “देश में 21 नई अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का शुभारंभ दर्शाता है कि सरकार देश के जलमार्ग बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए कितनी समर्पित है। राष्ट्रीय नदी यातायात और नेविगेशन प्रणाली का शुभारंभ उन प्रमुख पहलों में से एक है जो सुरक्षा और दक्षता को हमेशा प्राथमिकता देते हुए जहाजों की सुचारू, टिकाऊ आवाजाही सुनिश्चित करती है।”
आईसीसी (एनईआर) प्रमुख ने कहा कि पिछले दशक में सरकार द्वारा किए गए लगभग 7,000 करोड़ रुपये के निवेश से अंतर्देशीय जलमार्ग माल और यात्रियों के परिवहन का एक विश्वसनीय और लागत प्रभावी साधन बन गया है।
उन्होंने कहा कि क्रूज यात्रियों की संख्या को 50 लाख तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ नदी मार्ग पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित करना महत्वाकांक्षी और प्रेरणादायक है, क्योंकि इससे देश की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का प्रदर्शन होगा तथा आर्थिक लाभ भी होगा।
आईसीसी ने जलमार्गों को परिवहन के एक टिकाऊ और कुशल साधन के रूप में बढ़ावा देने और बढ़ाने के लिए केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के प्रयासों की सराहना की।
भाषा अनुराग
अनुराग