आवक की अप्रत्याशित कमी से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

Ankit
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नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) अप्रैल के इस मौसम में आवक अप्रत्याशित रूप से कम रहने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन तथा बिनौला तेल के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए। दूसरी ओर ऊंचे दाम पर लिवाली कमजोर बने रहने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के दाम पूर्ववत बंद हुए।


बाजार सूत्रों ने कहा कि वैश्विक व्यापार में ‘शुल्क युद्ध’ के कारण आम तौर पर सभी अर्थव्यवस्थाओं में अस्थ्रिता है और खाद्यतेल-तिलहन बाजार भी इससे अछूता नहीं है। लेकिन एक पहेली जैसी स्थिति देखने को मिल रही है कि किसान अपने तिलहन फसलों की मंडियों में आवक, इस मौसम के सामान्य औसत मात्रा के मुकाबले काफी कम ला रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जैसे कि सरसों की कई राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद शुरु हुई है तो अपेक्षा की जा रही थी कि किसानों की ओर से आवक में वृद्धि होगी। पर हकीकत में ऐसा होता नहीं दीख रहा। आवक इस मौसम के औसत 10-12 लाख बोरी के मुकाबले घटकर आज सवा पांच लाख बोरी की ही देखी गई। आवक कम रहने और मांग निकलने से सरसों तेल-तिलहन में सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि इसी प्रकार मूंगफली और सोयाबीन की आवक भी कम है। सरकार को विशेष तौर पर इन दोनों ही फसलों के बारे में गंभीर कदम उठाने चाहिये। मूंगफली का कोई विकल्प नहीं है और इसका हाजिर दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से लगभग 15 प्रतिशत नीचे है। जिस तरह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक जैसे कई दक्षिणी राज्यों, उत्तर प्रदेश के सीतापुर सहित कई अन्य स्थानों पर मूंगफली की अच्छी फसल होती थी और आज वहां मूंगफली की जगह अन्य लाभकारी फसलों की खेती होने लगी है।

उन्होंने कहा कि मंडियों में सोयाबीन की आवक 1-1.25 लाख बोरी की रही जो इस मौसम के सामान्य स्तर से काफी कम है। सोयाबीन का एमएसपी 4,892 रुपये क्विंटल है। महाराष्ट्र में इसके हाजिर दाम सुधरने लगे हैं और मौजूदा समय में 4,400-4,500 रुपये क्विंटल का भाव हो चला है। यही हाल रहा तो दाम एमएसपी के आसपास पहुंच सकता है जो संभवत: महाराष्ट्र सरकार की इच्छा भी है।

सूत्रों ने कहा कि पाम-पामोलीन का दाम ऊंचा बनाा हुआ है और जग तक इसके दाम सोयाबीन से पर्याप्त कम नहीं होंगे, इसके लिवाल नहीं मिलेंगे। मंहगा होने से इन तेलों का आयात कम हो रहा है और इसकी जगह सोयाबीन लेता जा रहा है। मौजूदा स्थिति के बीच सीपीओ एवं पामोलीन तेल के भाव अपरिवर्तित रहे।

काफी कम उपलब्धता के बीच बिनौला तेल के दाम में भी सुधार आया।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,375-6,475 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,750-6,125 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,250 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,350 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,380-2,480 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,380-2,505 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,725 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,550 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,050 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,950 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,625-4,675 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,325-4,375 रुपये प्रति क्विंटल। भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय



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