मुंबई, 10 मार्च (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक नियामकीय सुरक्षा के दायरे में न्यूनतम हस्तक्षेप वाले नियमों के साथ भुगतान प्रणालियों में नवोन्मेष को बढ़ावा देना जारी रखेगा। साथ ही सीमापार कुशल भुगतान के लिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) की पहुंच का विस्तार करेगा।
मल्होत्रा ने डिजिटल भुगतान जागरूकता सप्ताह-2025 के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि आरबीआई के अलावा सरकार और बैंकों तथा भुगतान प्रणाली संचालकों जैसे अन्य महत्वपूर्ण पक्षों ने भी डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल की हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इन प्रयासों के परिणाम सामने आए हैं और डिजिटल भुगतान में भारी वृद्धि देखी जा रही है। फिर भी अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। आने वाले समय में, हम तीन व्यापक क्षेत्रों पर काम करेंगे।’’
ये क्षेत्र, नवोन्मेष को बढ़ावा देने, जागरूकता पैदा करने और अधिक कुशल सीमापार भुगतान को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम हस्तक्षेप वाले विनियमन हैं।
आरबीआई प्रमुख ने कहा, ‘‘हम ‘सॉफ्ट टच’ विनियमनों (न्यूनतम हस्तक्षेप वाले नियम) के माध्यम से सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ावा देते हुए नवोन्मेष को प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे।’’
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक ने भुगतान परिवेश और वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) को विनियमित करने के लिए कम हस्तक्षेप वाले दृष्टिकोण को अपनाया है।
मल्होत्रा ने कहा कि इन विनियमों के साथ आरबीआई इन अलग-अलग अपेक्षाओं को संतुलित करने का प्रयास किया है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण विनियामक सुरक्षा को लागू करना है जिसके भीतर सभी पक्ष काम करने के लिए स्वतंत्र हैं।’’
भाषा रमण अजय
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