आरबीआई ने भुगतान व्यवस्था को दुरुस्त बनाने को जारी किये दिशानिर्देश

Ankit
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मुंबई, 30 जुलाई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भुगतान व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के मकसद से मंगलवार को कदम उठाया। उसने कहा कि गैर-बैंक भुगतान व्यवस्था से जुड़े परिचालकों को संदिग्ध लेनदेन गतिविधियों की पहचान और इस बारे में सतर्क करने के लिए वास्तविक समय पर धोखाधड़ी निगरानी उपाय करने होंगे।


गैर-बैंक पीएसओ के लिए साइबर मजबूती और डिजिटल भुगतान सुरक्षा नियंत्रण पर जारी ‘मास्टर’ यानी मूल दिशानिर्देश के अनुसार इसके साथ ही गैर-बैंक भुगतान व्यवस्था से संबद्ध परिचालकों (पीएसओ) को यह सुनिश्चित करना होगा कि मोबाइल एप्लिकेशन का अगर उपयोग नहीं हो रहा हो तो एक निश्चित अवधि के बाद वह खुद-ब-खुद बंद हो जाए और ग्राहकों को फिर से लॉगिन करने की जरूरत पड़े।

निर्देश मंगलवार से प्रभावी हो गया है। लेकिन आरबीआई ने पीएसओ को आवश्यक अनुपालन संरचना तैयार करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने के मकसद से चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन भी निर्धारित किया है।

आरबीआई ने कहा कि निर्देशों का उद्देश्य साइबर मजबूती पर जोर के साथ पूरी सूचना सुरक्षा तैयारियों के लिए एक रूपरेखा प्रदान कर पीएसओ की भुगतान व्यवस्था सुरक्षा में सुधार करना है।

आरबीआई ने मोबाइल भुगतान के संबंध में कहा कि पीएसओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्राहक के साथ बातचीत के दौरान एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल के साथ प्रमाणित सत्र बरकरार रहे।

केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘किसी भी हस्तक्षेप की स्थिति में यदि ग्राहक एप्लिकेशन बंद कर देता है, तो सत्र समाप्त कर दिया जाएगा। और प्रभावित लेनदेन का समाधान किया जाएगा या उसे वापस कर दिया जाएगा।’’

इसके अलावा, पीएसओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निष्क्रियता की एक निश्चित अवधि के बाद मोबाइल एप्लिकेशन पर ऑनलाइन सत्र खुद-ब-खुद बंद हो जाए और ग्राहकों को फिर से लॉगिन करने करने की जरूरत पड़े।

आरबीआई ने कहा कि कार्ड नेटवर्क को कार्ड, बैंक पहचान संख्या (बीआईएन) के साथ-साथ कार्ड जारीकर्ता स्तर पर लेनदेन सीमा को क्रियान्वित करने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।

भाषा रमण अजय

अजय



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