मुंबई, पांच फरवरी (भाषा) उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 313 अंक के नुकसान में रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा और व्यापार युद्ध को लेकर चिंता के बीच निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 312.53 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,271.28 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 367.56 अंक तक नीचे आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 42.95 अंक यानी 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,696.30 अंक पर बंद हुआ।
मंगलवार की तेजी के बाद मुनाफावसूली और रुपये के अबतक के सबसे निचले स्तर पर आने से भी धारणा प्रभावित हुई। सेंसेक्स मंगलवार को 1,397.07 अंक चढ़ा था और निफ्टी 378.20 अंक चढ़कर एक महीने के उच्चस्तर पर बंद हुआ था।
सेंसेक्स के तीस शेयरों में से एशियन पेंट्स तीन प्रतिशत से अधिक नीचे आया। कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ दिसंबर, 2024 को समाप्त तीसरी तिमाही में 23.5 की गिरावट के साथ 1,128.43 करोड़ रुपये रहने की सूचना से कंपनी का शेयर नीचे आया। मुख्य रूप से कमजोर मांग से कंपनी का लाभ कम हुआ है।
इसके अलावा टाइटन, नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारतीय स्टेट बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, आईटीसी, जोमैटो और बजाज फिनसर्व के शेयर प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में अदाणी पोर्ट्स, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं।
द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक बुधवार को शुरू हुई। बैठक के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी।
भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर बिक्री और उत्पादन में धीमी वृद्धि के बीच जनवरी में दो साल में सबसे धीमी गति से बढ़ी। बुधवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।
मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा कारोबारी गतिविधि सूचकांक दिसंबर के 59.3 से घटकर जनवरी में 56.5 पर आ गया, जो नवंबर के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है।
क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का आशय संकुचन से होता है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार गिरावट के साथ एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है। व्यापार युद्ध को लेकर वैश्विक अनिश्चितताओं के मुकाबले अनुकूल बजट से उत्साहित निवेशक घरेलू परिदृश्य में सुधार पर गौर कर रहे हैं। अमेरिकी बॉन्ड रिटर्न में गिरावट और कच्चे तेल की कम कीमतों ने बाजार धारणा को समर्थन दिया है। हालांकि, रुपये में गिरावट से ये बढ़त कम हो सकती है।’’
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की सकारात्मक दायरे में रहे जबकि हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा।
यूरोपीय बाजारों में दोपहर कारोबार में गिरावट रही। अमेरिकी बाजार मंगलवार को नुकसान में रहे थे।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक मंगलवार को शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने 809.23 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75.56 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
भाषा रमण अजय
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