आरबीआई का अनुमान, अगले वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था |

Ankit
3 Min Read


(तस्वीर के साथ)


मुंबई, सात फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का शुक्रवार को अनुमान लगाया। यह 31 मार्च, 2025 को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित 6.4 प्रतिशत से अधिक है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने चालू वित्त वर्ष के लिए आखिरी और अपनी पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि रबी फसल की अच्छी संभावनाओं तथा औद्योगिक गतिविधियों में अपेक्षित सुधार से 2025-26 में आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा।

उन्होंने कहा कि मांग पक्ष के प्रमुख चालकों में केंद्रीय बजट 2025-26 में कर राहत से घरेलू खपत मजबूत रहने की उम्मीद है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के बाद बजट 2025-26 में उपभोग को बढ़ावा देने के लिए मध्यम वर्ग को अबतक की सबसे बड़ी आयकर छूट प्रदान करने की घोषणा की है।

चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर अवधि में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी, जबकि आरबीआई ने स्वयं सात प्रतिशत का अनुमान लगाया था।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उच्च क्षमता उपयोग स्तर, वित्तीय संस्थानों व कंपनियों के बेहतर बही-खाते और सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर निरंतर जोर दिए जाने से स्थिर निवेश में सुधार की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, ‘‘ इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अर्थव्यवस्था के अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.7 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.0 प्रतिशत और तीसरी तथा चौथी तिमाही में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। जोखिम दोनों ओर समान रहेगा।’’

संसद में पिछले सप्ताह पेश आर्थिक समीक्षा में अनुमान लगाया गया था कि मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी बातों के आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, हालांकि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक व विवेकपूर्ण नीति प्रबंधन की आवश्यकता होगी।

चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो दशकीय औसत के करीब है।

भाषा निहारिका अजय

अजय



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *