नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के स्वयंसेवकों और पदाधिकारियों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुक्रवार को हरियाणा के समालखा कस्बे में शुरू हुआ, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में इसकी गतिविधियों और कार्यक्रमों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रख्यात भागवत कथाकार रमेश भाई ओझा ने संतों से आह्वान किया कि वे आदिवासी क्षेत्रों में जाकर कथा-प्रवचन करें ताकि देश की अखंडता और एकता बरकरार रहे।
वनवासी कल्याण आश्रम ने ओझा के संबोधन के हवाले से कहा, ‘उन्होंने आगाह किया कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो कोई और वहां पहुंच जाएगा और स्थिति धर्मांतरण की ओर ले जाएगी।’
इस अवसर पर आरएसएस के संयुक्त महासचिव रामदत्त ने प्रतिभागियों से उन क्षेत्रों में वनवासी कल्याण आश्रम के कार्य का विस्तार करने के लिए आदिवासियों तक पहुंचने का आह्वान किया।
संगठन ने वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी के संबोधन के हवाले से कहा, ‘वनवासी कल्याण आश्रम अगले तीन वर्षों में अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूरे कर लेगा। हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम उन क्षेत्रों में जनजातियों के बीच अपने कार्य का विस्तार करेंगे जहां हम अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं।’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध वनवासी कल्याण आश्रम का अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन रविवार को संपन्न होगा।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शनिवार को सम्मेलन में शामिल होंगे और रविवार तक आयोजित होने वाले विभिन्न सत्रों में मौजूद रहेंगे। वह सम्मेलन में प्रतिभागियों को संबोधित भी करेंगे।
भाषा
शुभम माधव
माधव