जयपुर, 25 मार्च (भाषा) राजस्थान में कांग्रेस ने नगर निकायों व पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन एवं पुनर्सीमांकन को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक अघोषित कमेटी के निर्देश पर मनमाने ढंग से यह काम किया जा रहा है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य सरकार पर नगर निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं का चुनाव समय पर न करवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह संविधान एवं कानून का उल्लंघन कर रही है।
डोटासरा ने यहां मीडिया से कहा, ‘‘यहां आरएसएस व भाजपा ने मिलकर अघोषित रूप से एक कमेटी बना दी है, जिसमें राजेंद्र राठौड़, अरूण चतुर्वेदी और घनश्याम तिवाड़ी (तीनों भाजपा नेता) हैं। इन तीनों लोगों ने अपने स्तर पर जिलों में कमेटिया बना दीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये राज्य स्तरीय कमेटी पंचायती राज व नगर निकाय के अधिकारियों को बुलाकर उन पर दबाव बनाते हुये पंचायतों में बदलाव करने, नगर निकाय के वार्डों में बदलाव करने, सीमावृद्धि करने और पुनर्सीमांकन करवाने का कार्य करवा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हैरानी और चिंता की बात है कि सरकार को पूरी तरह से इस अघोषित समिति ने हाईजैक कर लिया है और इस समिति द्वारा पंचायती राज और नगर निकाय के अधिकारियों को वार्डों के गठन, पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन के लिए आदेश व निर्देश दिये जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह खेला जो किया जा रहा है पूरी तरह से गैर कानूनी, नियम विरुद्ध है और सरकार ने आंख मूंद रखी है।’’
डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकार नगर निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं का परिसीमन एवं पुनर्गठन नियमों एवं जनभावनाओं के बजाय राजनीतिक दुर्भावना के आधार पर कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि राज्य के 49 नगर निकायों के चुनाव नवम्बर 2019 में हुए थे और इनका कार्यकाल नवम्बर 2024 में ही पूरा हो गया, लेकिन इन निकायों के चुनावों का कार्यक्रम जारी नहीं हुआ बल्कि सरकार ने प्रशासक नियुक्त कर रखे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इसी प्रकार 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 31 जनवरी 2025 को समाप्त हो गया एवं 704 का 31 मार्च 2025 को समाप्त हो रहा है लेकिन इनके भी चुनाव करवाने के लिए कोई अधिसूचना राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नहीं की गई जो संविधान एवं कानून की मंशा के विरुद्ध है।
अदालत के एक फैसले का जिक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि परिसीमन के नाम पर पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों के चुनाव स्थगित नहीं किये जा सकते हैं तथा पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व चुनाव प्रक्रिया शुरू करना आवश्यक है।
डोटासरा ने कहा कि ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के नाम पर पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय का चुनाव नहीं करवाया जाना भारत के संविधान एवं भारतीय कानून का सीधा उल्लंघन होने के साथ ही जनता के अधिकारों के साथ खिलवाड़ भी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य सरकार को नगर निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव शीघ्र करवाने के लिए बाध्य करने को लेकर सड़क पर संघर्ष करने के साथ ही अदालत का रुख कर सकती है।
भाषा पृथ्वी आशीष रंजन
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