नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेने वाला आयकर विधेयक, 2025 बृहस्पतिवार को संसद में पेश किया जाएगा।
नए विधेयक की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
– आयकर विधेयक, 2025 में सरल भाषा का उपयोग किया गया है, अनावश्यक प्रावधानों को हटाया गया है, छोटे वाक्यों का उपयोग किया गया है।
– विधेयक में कोई नया कर नहीं है। इसमें सिर्फ आयकर अधिनियम, 1961 में प्रदत्त कर-देयता प्रावधानों को एक साथ रखा गया है।
– इसमें मात्र 622 पृष्ठों में 536 धाराएं, 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां हैं। जबकि 1961 के अधिनियम में 298 धाराएं, 23 अध्याय और 14 अनुसूचियां थीं।
– नया कानून एक अप्रैल, 2026 से लागू होगा; अधिनियम अधिसूचित होने के बाद नियम लागू किए जाएंगे।
– इसमें व्यक्तियों, हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) और अन्य के लिए पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था दोनों शामिल हैं।
– नए विधेयक में ‘कर वर्ष’ का उपयोग किया है। इसमें ‘पूर्व वर्ष’ और ‘आकलन वर्ष’ जैसे जटिल शब्दों को हटाया गया है।
– ‘स्पष्टीकरण या शर्त’ का उल्लेख नहीं किया गया है, इसके बजाय तालिकाओं और सूत्रों का उपयोग किया गया है।
– विधेयक में करदाता चार्टर शामिल किया गया है, जो करदाताओं के अधिकारों और दायित्वों को बताएगा।
– विधेयक में बाजार से जुड़े डिबेंचर के मामले में पूंजीगत लाभ की गणना के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।
– नियमों को सरल बनाने के मकसद से कुल आय का हिस्सा न बनने वाली आय को अनुसूचियों में स्थानांतरित किया गया है।
– वेतन से कटौतियां जैसे मानक कटौती, ग्रेच्युटी, अवकाश न लेने के बाद नकद भुगतान आदि को अलग-अलग अनुभागों/नियमों में रखे जाने के बजाय एक ही स्थान पर सारणीबद्ध किया गया है।
भाषा अनुराग रमण
रमण