बहराइच (उप्र)चार सितबंर (भाषा) बहराइच जिले की महसी तहसील में मानव-भेड़िये संघर्ष के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रभावित क्षेत्र में इसे ‘वन्यजीव आपदा’ घोषित कर दिया है। राज्य के एक मंत्री ने बुधवार को यह जानकारी दी।
मत्स्य पालन मंत्री संजय कुमार निषाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “बहराइच जिले में मानव-पशु संघर्ष को देखते हुए इस क्षेत्र को वन्यजीव आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।’
मंत्री ने कहा कि क्षेत्र को वन्यजीव आपदा क्षेत्र घोषित करने से न केवल मनुष्यों पर हमला करने वाले जानवरों को पकड़ने के लिए जारी ‘ऑपरेशन भेड़िया’ में तेजी आएगी, बल्कि प्रभावित परिवारों को बिना किसी परेशानी के अनुग्रह राशि प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, “किसी क्षेत्र को वन्यजीव आपदा क्षेत्र घोषित करने से पीड़ितों को तत्काल मुआवजा मिलना आसान हो जाता है। वन्यजीव अधिनियम में प्रावधान है कि जंगल में किसी खतरनाक जानवर का आतंक होने पर आदमखोर जानवरों को मारने आदि के संबंध में निर्णय लेने में देरी नहीं होती। इससे धनराशि आदि स्वीकृत करना भी आसान हो जाता है।”
बहराइच में मार्च से ही भेड़ियों के हमले इंसानों पर हो रहे हैं। 17 जुलाई से जब बारिश का मौसम शुरू हुआ है, तब से हमले और भी बढ़ गए हैं।
सोमवार तक भेड़ियों ने सात बच्चों सहित आठ लोगों को मार डाला और लगभग 36 को घायल कर दिया।
बुधवार को बहराइच के दौरे पर आए वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना और जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर भेड़ियों द्वारा किए जा रहे हमलों पर विस्तार से चर्चा की।
दोनों मंत्रियों ने अस्पताल का दौरा भी किया और हमले में घायल ग्रामीणों का हालचाल जाना तथा अस्पताल प्रशासन को उन्हें सर्वोत्तम संभव उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
सक्सेना ने मीडिया से कहा, ‘मानव जीवन अमूल्य है, इसलिए मनुष्यों पर हमला करने वाले भेड़ियों को पकड़ने का आदेश जारी किया गया है। इसके लिए देहरादून से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है।’
उन्होंने कहा, ‘भेड़ियों को पकड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर भी टीमें बढ़ा दी गई हैं। उम्मीद है कि जल्द ही जानवरों को पिंजरे में बंद कर दिया जाएगा या ज़रूरत पड़ने पर गोली मार दी जाएगी।’
भाषा सं. जफर नोमान
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