नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) गाजा में इजराइल और हमास के बीच बहुप्रतीक्षित युद्ध विराम समझौता लागू होने के बाद, भारत में इजराइल के राजदूत रियुवेन अजार ने रविवार को अपने देश के आत्मरक्षा के ‘‘अधिकार’’ का ‘समर्थन’ करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया।
दोनों पक्षों के बीच युद्ध विराम समझौता 15 महीने के संघर्ष के बाद हुआ है। सात अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमास के हमले के बाद इस युद्ध की शुरुआत हुई थी।
इस समझौते से गाजा में जारी युद्ध को रोकने और हमास द्वारा बंधक बनाये गये इजराइली बंधकों की रिहाई में मदद मिलने की उम्मीद है।
इजराइल के दूतावास द्वारा जारी एक वीडियो में अजार ने कहा, ‘‘मैं आत्मरक्षा के हमारे अधिकार का समर्थन करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं और हम विशेष रूप से भारतीय लोगों के जबरदस्त समर्थन की सराहना करते हैं।’’
इजराइल ने सात अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजराइल के शहरों पर किये गये हमले के जवाब में गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य हमला किया था।
हमास द्वारा किये गये हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत ने लगातार युद्ध विराम और फलस्तीन मुद्दे के द्वि-राष्ट्र समाधान की दिशा में प्रत्यक्ष शांति वार्ता के लिए माहौल बनाने का आह्वान किया है।
इजराइल के राजदूत ने कहा, ‘‘इजराइल ने जिस युद्ध विराम पर हस्ताक्षर किए हैं, वह क्रमिक समझौते का पहला चरण है, जिसमें हमारे बंधकों को वापस लाने में मदद मिलेगी और यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि हमास कभी भी इजराइल के लोगों का नरसंहार नहीं कर पाएगा जैसा कि उसने सात अक्टूबर (2023) को किया था।’’
उन्होंने कहा कि यदि हमास को ‘‘पुनः हथियारों से लैस होने और पुनः संगठित’’ होने की अनुमति दी गई तो शांति स्थापित नहीं हो सकेगी।
अजार ने ईरान पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि ईरानी शासन ‘‘अभी भी हमारे क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।’’
भारत ने बुधवार को गाजा युद्ध विराम समझौते का स्वागत किया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्ध विराम के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इससे गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित और निरंतर आपूर्ति हो सकेगी।’’
भाषा
देवेंद्र रवि कांत