आईवीएफ क्लीनिक की त्रुटि के बाद अजनबी के बच्चे को जन्म दिया ऑस्ट्रेलियाई महिला ने

Ankit
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वेलिंगटन (न्यूजीलैंड), 11 अप्रैल (एपी) ऑस्ट्रेलिया में एक महिला को ‘मानवीय भूल’ के कारण एक आईवीएफ क्लीनिक में किसी दूसरे का भ्रूण मिला और उसने एक अनजाने व्यक्ति के बच्चे को जन्म दिया।


मोनाश आईवीएफ ने शुक्रवार को दिए एक बयान में कहा कि फरवरी में इस गड़बड़ी का पता तब चला जब ब्रिस्बेन शहर में स्थित क्लिनिक ने पाया कि जन्म देने वाले माता-पिता के पास भंडारण में एक से ज्यादा भ्रूण थे।

एक प्रवक्ता ने कहा कि कर्मचारियों ने पाया कि किसी दूसरे मरीज के भ्रूण को गलती से महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया गया था।

ऑस्ट्रेलिया के समाचार संस्थानों ने बताया कि बच्चे का जन्म 2024 में हुआ। ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रदाता कंपनियों में शामिल मोनाश आईवीएफ ने कहा कि शुरुआती जांच में ऐसी कोई अन्य त्रुटि सामने नहीं आई है।

कंपनी के सीईओ माइकल नैप ने कहा, ‘‘मोनाश आईवीएफ में हम सभी लोग बहुत दुखी हैं और हम इसमें शामिल सभी लोगों से माफी मांगते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बेहद मुश्किल समय में मरीजों का समर्थन करते रहेंगे।’’

बयान में कहा गया है कि ‘सख्त प्रयोगशाला सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू होने के बावजूद’ ‘मानवीय भूल’ हुई। कंपनी ने कहा कि उसने क्वींसलैंड राज्य में संबंधित नियामक को इस घटना की सूचना दी है।

मोनाश आईवीएफ 1971 में खोला गया और पूरे ऑस्ट्रेलिया में दर्जनों स्थानों पर उसके क्लीनिक हैं। पिछले साल ही कंपनी को 700 से अधिक रोगियों की ओर से दायर एक सामूहिक मुकदमे से निपटना पड़ा जिसमें दावा किया गया था कि इसके क्लीनिक ने संभावित रूप से व्यवहार्य भ्रूणों को नष्ट कर दिया था।

क्लीनिक ने 5.6 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान कर इस मामले का निपटान किया।

भ्रूण बदल जाने के दुर्लभ मामले पहले भी सामने आए हैं, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल और यूरोप शामिल हैं।

फरवरी में अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में एक महिला ने एक अजनबी के बच्चे को जन्म देने के बाद एक प्रजनन क्लिनिक के खिलाफ मुकदमा दायर किया।

क्रिस्टेना मरे को बच्चे के जन्म के बाद इस त्रुटि का आभास हुआ क्योंकि वह और उसका शुक्राणु दाता दोनों श्वेत थे और बच्चा काला था। मरे ने कहा कि वह बच्चे का पालन-पोषण करना चाहती थी, लेकिन उसने पांच महीने के बच्चे को स्वेच्छा से उसके जैविक माता-पिता को दे दिया, क्योंकि उसे बताया गया था कि वह बच्चे को पाने के लिए कानूनी लड़ाई नहीं जीत पाएगी।

एपी वैभव मनीषा

मनीषा



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