नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए 2024 का साल काफी अच्छा रहा था, लेकिन अब इसमें सुस्ती आती दिख रही है। शेयर बाजारों में गिरावट के बीच पिछले तीन सप्ताह से किसी कंपनी का आईपीओ नहीं आया है।
आईपीओ गतिविधियों में यह नरमी आंकड़ों में दिखती है। जनवरी में केवल पांच कंपनियां और फरवरी में चार कंपनियां सूचीबद्ध हुई हैं, जबकि पिछले साल दिसंबर में 16 कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई थीं।
क्वालिटी पावर इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट लिमिटेड का आईपीओ हाल ही में आया था, जो 14 फरवरी को तीन दिन की बोली के लिए खुला था। हालांकि, धीमी गतिविधियों का रुझान स्पष्ट है, क्योंकि कम से कम तीन कंपनियों – एडवांस्ड सिस्टम-टेक, एसएफसी एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजीज और विनी कॉरपोरेशन ने जनवरी और फरवरी में अपने दस्तावेजों का मसौदा वापस लेकर अपनी आईपीओ की योजना वापस ले ली थी।
यह बदलाव 2024 के उल्लेखनीय प्रदर्शन के बाद आया है, जिसमें 91 सार्वजनिक निर्गम के जरिये सामूहिक रूप से 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। पिछले साल आईपीओ गतिविधियां मजबूत खुदरा भागीदारी, मजबूत अर्थव्यवस्था और तेजी से बढ़ते निजी पूंजीगत व्यय से प्रेरित था।
इक्विरस के प्रबंध निदेशक और निवेश बैंकिंग के प्रमुख भावेश शाह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि नरमी मुख्य रूप से द्वितीयक बाजार में, खासकर जनवरी और फरवरी में ‘करेक्शन’ के कारण है, जिसने कई सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर मूल्यों को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। नतीजतन, निवेशकों ने नई सूचीबद्धता की तलाश करने के बजाय अपने मौजूदा पोर्टफोलियो पर ध्यान केंद्रित किया है।
शाह ने इस बात पर जोर दिया कि नए आईपीओ पर निवेशकों का कम ध्यान केंद्रित होने से बाजार की गतिविधियों में सुस्ती आई है।
इस सावधानी के बावजूद, आनंद राठी एडवाइजर्स के निदेशक और ईसीएम निवेश बैंकिंग के प्रमुख वी. प्रशांत राव ने बताया कि मजबूत आईपीओ पाइपलाइन के साथ दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है।
भाषा अनुराग अजय
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