(अदिति कश्यप)
नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में नियुक्तियों का परिदृश्य एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है क्योंकि 2024 में गिरावट का सामना करने के बाद अब अधिक आशाजनक भविष्य की ओर बढ़ रहा है। विशेष कौशल खासतौर पर कृत्रिम मेधा (एआई) और डेटा विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करना, मझोले शहरों की ओर भौगोलिक बदलावों के साथ इस क्षेत्र में बदलाव का संकेत देता है।
भारत में 2024 आईटी क्षेत्र में भर्तियों में गिरावट देखी गई, हालांकि 2025 के लिए संभावनाएं आशाजनक दिखाई देती हैं जिसमें आर्थिक स्थितियों तथा प्रौद्योगिकी प्रगति में सुधार से वृद्धि की उम्मीदें हैं।
एडेको इंडिया के ‘कंट्री मैनेजर’ सुनील चेम्मनकोटिल ने कहा, ‘‘ ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) से भर्तियों को बढ़ावा मिला जिससे प्रौद्योगिकी पेशेवरों के लिए 52.6 प्रतिशत नौकरियों का सृजन हुआ लेकिन वे आईटी सेवा क्षेत्र में आई भारी गिरावट की पूरी तरह भरपाई नहीं कर सके। ’’
एडेको रिसर्च के अनुसार, कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) में विभिन्न भूमिकाओं की मांग में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अधिक विशिष्ट कौशल ढ़ांचे की ओर बदलाव को दर्शाता है क्योंकि संगठनों ने इन प्रौद्योगिकियों को प्राथमिकता दी है।
टीमलीज एडटेक के मुख्य संचालक अधिकारी (सीओओ) एवं एम्प्लॉयबिलिटी बिजनेस के प्रमुख जयदीप केवलरमानी ने कहा कि 2024 में नए पेशवरों (फ्रेशर्स) की भर्ती सामान्य रूप से धीमी रही, साथ ही कई कंपनियों ने अपने ‘कैंपस हायरिंग’ में विलंब किया… जैसे-जैसे वृहद आर्थिक चुनौतियां धीमी पड़ती जाएंगी संगठन आर्थिक परिदृश्य के बारे में आश्वस्त होंगे और पूंजी निवेश पर कुछ दांव लगाना शुरू करेंगे जिससे 2025 की शुरुआत में इसके बढ़ने में मदद मिलेगी।
विप्रो की मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) संध्या अरुण ने कहा कि उद्यम महत्वपूर्ण व्यावसायिक मूल्य प्राप्त करने के लिए एआई और अन्य उन्नत प्रौद्योगिकियों के एकीकरण में तेजी लाने के लिए तैयार हैं।
अरुण ने कहा, ‘‘ वर्ष 2025 तीव्र गति से प्रौद्योगिकी में बदलाव का वर्ष होगा जो नए अवसर प्रदान करेगा और अभूतपूर्व चुनौतियां भी प्रस्तुत करेगा। भविष्य उन उद्यमों का है जो प्रौद्योगिकी और बदलाव को अपनाते हैं…’’
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