नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की निगरानी के लिए उन्नत रोबोट विकसित किए हैं जो चुनौतीपूर्ण एवं दुर्गम इलाकों में एआई-संचालित निगरानी और वास्तविक समय में निर्बाध निगरानी प्रदान करेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
आईआईटी गुवाहाटी द्वारा संचालित स्टार्टअप ‘दा स्पैटियो रोबोटिक लेबोरेटरी प्राइवेट लिमिटेड’ (डीएसआरएल) द्वारा विकसित रोबोट को भारत के रक्षा बुनियादी ढांचे में एकीकरण की उनकी क्षमता के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से भी मान्यता मिली है। भारतीय सेना पहले से ही निगरानी प्रणाली के लिए फील्ड परीक्षण कर रही है।
डीएसआरएल के सीईओ अर्नब कुमार बर्मन के अनुसार, पारंपरिक सुरक्षा उपायों के विपरीत (जो ड्रोन, स्थिर कैमरे और पैदल या वाहन गश्त पर निर्भर करते हैं) यह स्वायत्त रोबोटिक प्रणाली भूभाग और मौसम पर विजय प्राप्त करती है।
बर्मन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह प्रणाली सीमा सुरक्षा, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की निगरानी और रणनीतिक रक्षा अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण घटक साबित होने वाली है।
उन्होंने कहा कि हमारा मिशन अत्याधुनिक, एआई-संचालित निगरानी समाधान विकसित करना है जो राष्ट्रीय सुरक्षा की उभरती चुनौतियों का समाधान कर सके।
उन्होंने कहा, ‘यह रोबोटिक प्रणाली कठिन इलाकों में भी निर्बाध रूप से काम करने के लिए डिजाइन की गई है जो 24/7 निगरानी सुनिश्चित करती है। हमें रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण में योगदान करने पर गर्व है और हम ऐसे नवाचारों के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करें।’
आईआईटी गुवाहाटी के टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर के प्रमुख केयूर सोरठिया ने कहा कि यह अभूतपूर्व नवाचार स्वदेशी, उच्च तकनीक समाधानों के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता में एक रणनीतिक प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश