नागपुर (महाराष्ट्र), 14 अप्रैल (भाषा) शहर में सोमवार की सुबह हजारों लोग डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 134वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने और इस अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए यहां स्थित दीक्षाभूमि पहुंचे।
संविधान के मुख्य निर्माता और समाज सुधारक आंबेडकर ने 1956 में दीक्षाभूमि पर बौद्ध धर्म अपनाया था, जिसके बाद यह उनके लाखों अनुयायियों के लिए पूजनीय स्थल बन गया।
दीक्षाभूमि पर आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार से ही पूरे भारत से लोग महाराष्ट्र के नागपुर शहर पहुंचने लगे थे।
‘डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति’ के न्यासी विलास गजघाटे ने कहा कि उनके संगठन, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने लोगों की सुरक्षा तथा कार्यक्रम के उचित प्रबंधन के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं, क्योंकि आंबेडकर के लाखों अनुयायियों के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि लोगों के लिए परिसर में पंडाल लगाए गए हैं।
गजघाटे ने बताया कि समिति के सदस्य सुबह 10 बजे दीक्षाभूमि पर डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा और उनकी अस्थियों पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 मार्च को दीक्षाभूमि आए थे। वह वहां स्थित स्तूप के अंदर गए थे और वहां रखी आंबेडकर की अस्थियों पर पुष्पांजलि अर्पित की थी।
उन्होंने कहा कि ‘‘विकसित और समावेशी भारत’’ का निर्माण ही डॉ. आंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगा।
भाषा सुरभि नेत्रपाल
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