आंध्र प्रदेश सरकार का स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य

Ankit
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अमरावती, 17 अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार का लक्ष्य राज्य में स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना है।


राज्य सरकार ने इसके लिए एक नई नीति पेश की है, जो 2047 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए सौर, पवन तथा चौबीसों घंटे चलने वाली नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करती है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने एपी एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा (आईसीई) नीति पेश की। इसमें उचित मूल्य पर परेशानी मुक्त भूमि अधिग्रहण से लेकर कुछ क्षेत्रों को बिजली पर सब्सिडी तक के प्रोत्साहन का प्रस्ताव है।

नीति दस्तावेज के अनुसार, आईसीई नीति में 10 लाख करोड़ रुपये का प्रस्तावित निवेश परिव्यय शामिल होगा, जिससे 7,50,000 श्रमिकों के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा।

नीति में पवन, सौर तथा हाइब्रिड स्रोतों के जरिये राज्य की विशाल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता, पंप भंडारण परियोजनाओं के माध्यम से भंडारण क्षमता, लंबी तटरेखा, छह परिचालन बंदरगाहों (जिनमें से चार प्रक्रियाधीन हैं) और कुशल जनशक्ति की उपलब्धता का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

इसके अलावा स्वच्छ ऊर्जा ज्ञान एवं कौशल विकास केंद्र (सीईकेएसडीसी) का गठन किया जाएगा, जो ज्ञान एवं प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करेगा तथा शिक्षा जगत, शोध संस्थान और उद्योग के साथ साझेदारी को सक्षम करेगा।

यह नीति पांच साल तक लागू रहेगी।

दस्तावेज में कहा गया, आईसीई नीति 2047 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के आंध्र प्रदेश के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप है। नीति के तहत नए प्रयासों के साथ, आंध्र प्रदेश अगले पांच वर्षों के लिए निवेश आकर्षित करेगा अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को कई गुना बढ़ाएगा और ऊर्जा बदलाव में अग्रणी राज्य के रूप में अपना उचित स्थान हासिल करेगा।

भाषा निहारिका अजय

अजय



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