आंध्र प्रदेश में टीटीडी गोशाला में ‘लापरवाही’, ‘खराब देखभाल’ से करीब 100 गायों की मौत: वाईएसआरसीपी |

Ankit
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अमरावती, 11 अप्रैल (भाषा) वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) गोशाला में पिछले तीन महीनों में करीब 100 गायों की मौत ‘‘मंदिर संस्था की लापरवाही और खराब देखभाल’’ के कारण हुई है।


टीटीडी ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है और 100 गायों की मौत के बारे में सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों को ‘‘पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक’’ बताया है।

वाईएसआरसीपी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘टीटीडी गोशाला से दिल दहला देने वाले दृश्य सामने आए हैं, जहां पिछले तीन महीनों में करीब 100 मासूम गायों ने घोर उपेक्षा और खराब देखभाल के कारण अपनी जान गंवा दी है। उन्हें आश्रय देने और उनकी रक्षा करने के लिए बनाए गए पवित्र स्थान पर एक खामोश त्रासदी का खुलासा हो रहा है।’’

वाईएसआरसीपी नेता एम. भरत ने आंध्र प्रदेश की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाली सरकार पर टीटीडी की गोशाला की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि टीटीडी की गोशाला में हाल में 100 से अधिक गायों की मौत हुई है।

राजमुंदरी के पूर्व सांसद ने कहा कि यह भगवान वेंकटेश्वर के साथ विश्वासघात है और राज्य सरकार को इन चौंकाने वाली पशुहानि के लिए जवाब देना चाहिए। उन्होंने हिंदू नेताओं से न्याय की मांग करने का आग्रह किया।

वाईएसआरसीपी नेता और टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष बी. करुणाकर रेड्डी ने भी इस पर चिंता व्यक्त की और गायों की मौत के लिए खराब देखभाल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि तिरुमाला की पवित्रता को बनाए रखने के लिए जांच की जरूरत है।

उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा कि मौजूदा नेतृत्व में टीटीडी गोशाला की हालत खराब हो गई है। रेड्डी ने आरोप लगाया कि प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) में विशेषज्ञता की कमी है तथा इसे राजग गठबंधन द्वारा नियुक्त बोर्ड की सरासर लापरवाही बताया।

शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में टीटीडी ने कहा कि प्रसारित की गई तस्वीरें टीटीडी गोशाला से संबंधित नहीं हैं। उन्होंने इस दुष्प्रचार की निंदा करते हुए इसे ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’ बताया।

टीटीडी ने श्रद्धालुओं से गलत सूचनाओं के झांसे में नहीं आने की अपील की और पशु कल्याण एवं मंदिर परंपराओं की पवित्रता के प्रति अपनी निरंतर प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

भाषा सुरभि पवनेश

पवनेश



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