विजयवाड़ा, 13 अप्रैल (भाषा) कृष्णा नदी के तट पर आंध्र प्रदेश की नई राजधानी तैयार करने के लिए 65,000 करोड़ रुपये की अमरावती शहर परियोजना पर काम शुरू हो गया है।
एक बयान में कहा गया कि इस परियोजना का मकसद एक ‘लोगों की राजधानी’ बनाना है, जो दुनियाभर से कुशल प्रवासियों, उद्योगों, पेशेवरों और व्यवसायों को आकर्षित करे।
वर्ष 2019 और 2024 के बीच पांच साल तक ये परियोजना ठंडे बस्ते में रही। हालांकि, राज्य में पिछले साल मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में नयी सरकार बनने के बाद अमरावती परियोजना को पुनर्जीवित किया गया।
अधिकारियों ने कहा कि एम्स्टर्डम, सिंगापुर और तोक्यो जैसे वैश्विक शहरों से प्रेरित एक विश्वस्तरीय शहरी केंद्र बनाने पर काम फिर से शुरू हो गया है। यह शहर न केवल जीवंत, विविध, समावेशी और आधुनिक होगा, बल्कि दुनियाभर के कुशल प्रवासियों, उद्योगों, व्यवसायों और पेशेवरों को आकर्षित भी करेगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शहर के शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि प्रधानमंत्री ने निमंत्रण स्वीकार किया है या नहीं और शिलान्यास समारोह कब होगा।
वर्ष 2014 में राज्य के विभाजन के बाद अमरावती को आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के रूप में नामित किया गया था। ब्रिटेन स्थित कंपनी फोस्टर एंड पार्टनर्स द्वारा तैयार अमरावती मास्टर प्लान में विजयवाड़ा और गुंटूर शहरों के बीच 217.23 वर्ग किलोमीटर में व्यापक विकास की परिकल्पना की गई है।
कृष्णा नदी के तट पर बसे इस शहर को क्षेत्र का आर्थिक केंद्र बनाने का लक्ष्य है। उम्मीद है कि इससे 15 लाख नौकरियां पैदा होंगी, यहां 35 लाख लोग रहेंगे और 2050 तक इसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 35 अरब अमेरिकी डॉलर होगा।
अधिकारियों ने बताया कि 2024 में अमरावती के विकास कार्यों के लिए अनुमानित बजट लगभग 64,910 करोड़ रुपये था और परियोजना का पहला चरण अगले तीन साल में पूरा किया जाना है। परियोजना लागत में भारत सरकार ने 2024 में 15,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है और विश्व बैंक तथा एशियाई विकास बैंक ने 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर (समझौते पर हस्ताक्षर) की सहायता देने की बात कही है।
भाषा पाण्डेय अजय
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