नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) कांग्रेस ने असम में गिरफ्तार अपने नेता रीतम सिंह को गुवाहाटी उच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद शनिवार को आरोप लगाया कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई उनकी आवाज दबाने का प्रयास था।
कांग्रेस की असम इकाई के प्रवक्ता रीतम सिंह को गत 15 मार्च को उस सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें उन्होंने दो वर्तमान विधायकों समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी।
उन्हें गुवाहाटी उच्च न्यायालय से बीते बृहस्पतिवार को जमानत मिली।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘बृहस्पतिवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने पाया कि मेरे युवा सहयोगी रीतम सिंह की गिरफ्तारी प्रक्रियात्मक त्रुटियों से भरी हुई थी, जो उनकी आवाज को दबाने के शासन के प्रयासों की जल्दबाजी और अवैधता का प्रमाण है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘रीतम को उनके सोशल मीडिया पोस्ट के लिए असम राज्य द्वारा निशाना बनाया गया था, लेकिन अब उसे हिरासत से रिहा कर दिया गया है।’
उन्होंने कहा कि अभिषेक सिंघवी की अध्यक्षता वाला कांग्रेस का विधि विभाग हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं, सदस्यों और प्रवक्ताओं के लिए लड़ रहा है।
रमेश के अनुसार, ‘‘कांग्रेस हमारे लोकतंत्र के लिए इस लड़ाई में आराम से नहीं बैठेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सत्तारूढ़ शासन हमारे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न कर सके।’’
उन्होंने कहा, ‘रीतम की ओर से बहस करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता के एन चौधरी और उनकी टीम को विशेष धन्यवाद। इस शासन को सीखना चाहिए कि चाहे वे हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं पर कुछ भी फेंकें, हम आम आदमी के लिए लड़ते रहेंगे।’
भाषा हक रंजन
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