मुंबई, 26 फरवरी (भाषा) भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक वृद्धि के लिहाज से ऐसा लगता है कि बुरा दौर समाप्त हो गया है। जर्मनी की ब्रोकरेज कंपनी की एक रिपोर्ट में यह आकलन किया गया है।
डॉयचे बैंक की बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई। इसके कारण अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर चिंताएं थीं। हालांकि, दिसंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
बैंक के विश्लेषकों ने कहा, ‘‘जहां तक भारत की वृद्धि का सवाल है, हमें लगता है कि सबसे खराब दौर समाप्त हो गया है। हालांकि, आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ भी, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि वित्त वर्ष 2025-26 में सात प्रतिशत की वृद्धि दर की क्षमता से नीचे रहने का अनुमान है।’’
जीडीपी वृद्धि पर आधिकारिक आंकड़े जारी होने से पहले आई रिपोर्ट में विश्लेषकों ने यह भी कहा कि हमें पूर्वानुमानों को लेकर सतर्क रहना होगा क्योंकि पिछले वर्षों के आंकड़ों में भी संशोधन हो सकता है।
ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि 65 प्रमुख आंकड़ें 6.2 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत दे रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक वृद्धि को गति देने के मकसद से अप्रैल में मौद्रिक नीति की आगामी समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
भाषा रमण अजय
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