मुंबई, 19 मार्च (भाषा) भारत का रत्न एवं आभूषण निर्यात फरवरी में सालाना आधार पर 23.49 प्रतिशत घटकर 242.29 करोड़ डॉलर (21,085.030 करोड़ रुपये) रह गया है।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने बुधवार को यह जानकारी दी।
जीजेईपीसी ने कहा कि अमेरिका और चीन में मांग में लगातार गिरावट के कारण रत्न एवं आभूषण निर्यात घटा है।
वर्ष 2024 की इसी अवधि में रत्न एवं आभूषण निर्यात 316.67 करोड़ डॉलर (26,268.6 करोड़ रुपये) का रहा था।
अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 तक रत्न और आभूषण निर्यात में 13.43 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 2,972.41 करोड़ डॉलर (2,46,105.96 करोड़ रुपये) की तुलना में 2,573.27 करोड़ डॉलर (2,17,148.26 करोड़ रुपये) रह गया।
हाल ही में जीजेईपीसी के चेयरमैन चुने गए किरीट भंसाली ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘रत्न और आभूषण निर्यात में गिरावट मुख्य रूप से चीन और अमेरिका में मांग में मांग घटने की वजह से है। मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव ने अमेरिका, चीन और जी-7 देशों सहित प्रमुख निर्यात बाजारों में मांग को प्रभावित किया है। साथ ही, कच्चे हीरे की कीमतों में 10-15 प्रतिशत की गिरावट ने मूल्य को प्रभावित किया, जिससे निर्यात में कुल गिरावट आई।’’
इस बीच, आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी में तराशे और पॉलिश किए गए हीरों का कुल निर्यात 136.27 करोड़ डॉलर (11,860.71 करोड़ रुपये) का रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 170.76 करोड़ डॉलर (14,164.1 करोड़ रुपये) की तुलना में 20.2 प्रतिशत की गिरावट है।
समीक्षाधीन अवधि में कुल स्वर्ण आभूषण निर्यात में 18.09 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 91 करोड़ 90.4 लाख डॉलर (7,624.37 करोड़ रुपये) की तुलना में 75.28 करोड़ डॉलर (6,549.46 करोड़ रुपये) रहा।
फरवरी में पॉलिश प्रयोगशाला में तैयार किये गये (लैब ग्रोन) हीरे का निर्यात 19.58 प्रतिशत घटकर 11.21 करोड़ अमेरिकी डॉलर (975.22 करोड़ रुपये) का रह गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह13.93 करोड़ डॉलर (1,155.79 करोड़ रुपये) का हुआ था।
भाषा राजेश राजेश अजय
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