नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार उदारीकरण का रास्ता अपनाने का फैसला किया है और दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहे हैं।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि व्यापार समझौते पर आमने-सामने की बातचीत अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है।
भारत और अमेरिका इस सप्ताह से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बातचीत शुरू कर रहे हैं। उन्होंने समझौते के लिए संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को भी अंतिम रूप देकर उनपर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत और अमेरिका मार्च से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। पूरी कवायद का मकसद 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा के लगभग 191 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना से अधिक कर 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है।
समझौते के लिए विभिन्न समूहों की बातचीत इस सप्ताह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये शुरू होगी।
वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि मई के दूसरे पखवाड़े में बातचीत शुरू हो जाएगी। इसलिए जहां तक व्यापार समझौते और उसकी बातचीत का सवाल है, हम तय कार्यक्रम के अनुरूप आगे बढ़ रहे हैं।’’
अग्रवाल इस समझौते के लिए भारत के मुख्य वार्ताकार भी हैं।
समझौते के बारे में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अगर यह समझौता अंतिम रूप लेता है, तो इससे भारत और अमेरिका के बीच कारोबार के बड़े अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर मौजूदा शुल्क के संदर्भ में भारत के लिए चिंताएं और अवसर दोनों हैं। भारत ने पहले ही एक रास्ता अपनाया है, जहां हम अमेरिका के साथ व्यापार उदारीकरण के लिए आगे बढ़ेंगे। यह एक स्पष्ट रास्ता है, जिसे हमने नेताओं के स्तर पर तय किया है और उसके बाद बैठकें हुई हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बातचीत चल रही है और हमने व्यापार उदारीकरण और बीटीए का रास्ता अपनाया है। इसलिए अगर हम इस रास्ते पर चलते हैं, तो मुझे लगता है कि न केवल भारत का अमेरिका के साथ व्यापार बढ़ेगा… इससे भारत और अमेरिका के लिए अवसर भी खुलेंगे।’’
बर्थवाल ने कहा कि इस व्यापार समझौते से दोनों देशों को लाभ होगा और इसी आधार पर समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा।
भाषा पाण्डेय अजय
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