अमेरिका के जवाबी शुल्क से चीन के जीडीपी पर दो से ढाई प्रतिशत का असर पड़ेगा : अर्थशास्त्री |

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(के. जे. एम. वर्मा)


बीजिंग, सात अप्रैल (भाषा) अमेरिका के चीन के निर्यात पर लगाए गए 34 प्रतिशत के नए शुल्क से चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर दो से 2.5 प्रतिशत तक का असर पड़ सकता है, जिससे सुस्ती से जूझ रही चीनी अर्थव्यवस्था और अधिक प्रभावित होगी।

निवेश बैंक मैक्वेरी के मुख्य चीन अर्थशास्त्री लैरी हू ने अनुमान लगाया है कि अमेरिका के नवीनतम जवाबी शुल्क से चीन के निर्यात में 15 प्रतिशत अंक की कमी आ सकती है। इसके सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दो से 2.5 प्रतिशत अंक तक घट सकती है।

हांगकांग स्थित समाचार पत्र ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ में सोमवार को प्रकाशित खबर के अनुसार, हू ने एक शोध रिपोर्ट में लिखा, ‘‘ इसका प्रभाव कई माध्यमों से दिख सकता है, जैसे कि चीनी वस्तुओं के लिए अमेरिका में मांग में गिरावट, संभावित वैश्विक आर्थिक मंदी तथा निर्यात पुनर्निर्देशन पर असर।’’

चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था के लिए इस वर्ष पांच प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद का लक्ष्य रखा है, जो स्थिर घरेलू खपत व आवास क्षेत्र में संकट के कारण सुस्ती से जूझ रही है।

नवीनतम 34 प्रतिशत शुल्क के साथ चीनी निर्यात पर कुल शुल्क 54 प्रतिशत हो गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में चीन पर करीब 15 प्रतिशत शुल्क लगाया था। इसके बाद राष्ट्रपति बने जो बाइडन ने इस शुल्क को बरकरार रखा था।

चीन का अपने तीसरे सबसे बड़े बाजार अमेरिका को निर्यात पिछले वर्ष 438 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि अमेरिका से उसका आयात 143 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था।

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन के उत्पादों पर शुल्क लगाते हुए उस पर ‘फेंटेनाइल’ बनाने के लिए कच्चे माल के प्रवाह को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है।

फेंटेनाइल एक शक्तिशाली ‘ओपिओइड’ है, जिसे अमेरिका में व्यापक स्तर पर मादक पदार्थ की लत फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।

चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी किसानों को प्रभावित करने वाले कृषि उत्पादों को लक्षित कर अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले उत्पादों पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाया है।

भाषा निहारिका अजय

अजय



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