अमृत ​​भारत योजना के तहत 104 रेलवे स्टेशनों पर पुनर्विकास कार्य पूरा: वैष्णव |

Ankit
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(तस्वीरों के साथ)


मुंबई, 11 अप्रैल (भाषा) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को बताया कि अमृत भारत योजना के तहत देशभर में 1,300 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, जिनमें से 104 पर काम पूरा हो चुका है।

इस योजना का उद्देश्य पूरे रेलवे नेटवर्क में स्टेशनों को बेहतर और आधुनिक बनाना तथा यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2023 में स्टेशन पुनर्विकास योजना की आधारशिला रखी थी।

मुंबई में जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में मीडिया को संबोधित करते हुए वैष्णव ने बताया कि इन 1,300 स्टेशनों में से कई में पुनर्विकास कार्य पूरा होने वाला है, जिनमें से 132 महाराष्ट्र में स्थित हैं।

मंत्री ने कहा कि कई अन्य स्टेशनों पर काम में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

वैष्णव ने कहा, “दुनिया में कहीं भी इस पैमाने पर स्टेशन पुनर्विकास परियोजना नहीं हुई है।”

मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में योजना के तहत आने वाले स्टेशनों पर चल रहे काम की तस्वीरें दिखाईं, जिसमें मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) भी शामिल है, जिसे विश्वस्तरीय ट्रेन सुविधा के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सीएसएमटी स्टेशन के पुनर्विकास का काम ‘बहुत बड़ा’ है, जिसकी अनुमानित लागत 1,800 करोड़ रुपये है और यह ‘बहुत तेज गति’ से चल रहा है।

मंत्री ने कहा कि पुनर्विकास कार्य पूरा होने पर दक्षिण मुंबई में ब्रिटिश काल का परिसर सीएसटीएम लंदन के किंग्स क्रॉस स्टेशन से कहीं बेहतर दिखाई देगा।

वैष्णव ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं जैसे प्रतीक्षालय, फूड कोर्ट (भोजनालय), स्वच्छ शौचालय, लिफ्ट, एस्केलेटर और डिजिटल सुविधाओं से लैस करना है।

सीएसएमटी के अलावा, महाराष्ट्र में इस योजना के तहत शामिल कुछ प्रमुख स्टेशन दादर (मध्य और पश्चिमी), अंधेरी (मुंबई), पुणे, नासिक रोड, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर समेत अन्य स्टेशन हैं।

बातचीत के दौरान, वैष्णव ने कहा कि केंद्र ने पहले ही 4,819 करोड़ रुपये के निवेश से महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में 240 किलोमीटर के रणनीतिक गलियारे गोंदिया-बल्लारशाह रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है।

संवाददाता सम्मेलन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी उपस्थित थे।

भाषा अनुराग रमण

रमण



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