नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) लक्ष्य ओलंपिक पोडियम कार्यक्रम (टॉप्स) के कोर ग्रुप में शामिल करने या उससे बाहर करने के लिए अब खिलाड़ियों का हर वर्ष मूल्यांकन किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को फायदा मिले। अभी तक खिलाड़ियों का प्रत्येक दो वर्ष में मूल्यांकन किया जाता था।
यह निर्णय बुधवार को यहां मिशन ओलंपिक सेल की 153वीं बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने की। कोर ग्रुप में शामिल 179 और डेवलपमेंट ग्रुप में शामिल 130 खिलाड़ियों की नई सूची भी तैयार की गई है।
ओलंपिक में पदक जीतने की संभावना रखने वाले खिलाड़ियों को मदद पहुंचाने के लिए 2014 में टॉप्स की स्थापना की गई थी। मूल्यांकन प्रणाली को वार्षिक करने से 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को मदद मिलेगी।
इस बीच मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि संन्यास ले चुके ओलंपियनों और कोचिंग देने के इच्छुक विश्व स्तरीय खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्रोत्साहन राशि पर भी विचार किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए इस पर विचार किया जा रहा है कि वे देश के बाहर नौकरी के अवसरों की तलाश न करें।
सूत्र ने कहा, ‘‘एमओसी को लगा कि केवल कुछ शीर्ष भारतीय खिलाड़ियों को कोच के रूप में नियुक्त किया गया है और उनका वेतन उनकी उपलब्धियों से मेल नहीं खाता है।’’
एमओसी ने एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, हॉकी, रोइंग, निशानेबाजी, टेबल टेनिस, स्क्वाश, भारोत्तोलन, कुश्ती और तैराकी जैसे 12 ओलंपिक खेलों में प्रगति की निगरानी के लिए उप-समितियों को भी अंतिम रूप दिया।
भाषा पंत सुधीर
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