लखनऊ, 24 फरवरी (भाषा) अवध बार एसोसिएशन (ओबीए) और अन्य स्थानीय बार एसोसिएशन के वकीलों ने केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम 1961 में लाए जा रहे प्रस्तावित संशोधन के विरोध में मंगलवार को विभिन्न अदालतों में न्यायिक कार्य से दूर रहने का निर्णय लिया।
ओबीए अध्यक्ष आरडी शशि की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में न केवल प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ बल्कि उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कमी और मुकदमों को सूचीबद्ध करने में कठिनाई समेत अन्य मुद्दों के खिलाफ कार्य से दूर रहने का निर्णय लिया गया।
जिला न्यायालय के सेंट्रल बार एसोसिएशन (सीबीए) के अध्यक्ष अरविंद कुशवाहा ने कहा कि सीबीए ने एक बैठक की, जिसमें उप्र बार काउंसिल के साथ एकजुटता दिखाने और प्रस्तावित संशोधन के विरोध में अदालती काम से दूर रहने का निर्णय लिया गया।
भाषा सं जफर आशीष
आशीष