(फाइल फोटो के साथ)
लखनऊ, 24 फरवरी (भाषा) केंद्र द्वारा अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक के मसौदे को संशोधित करने की बात कहने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को वकीलों को बधाई दी।
यादव ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा,‘‘ प्रिय अधिवक्ताओ। निरंकुशता के खिलाफ एकता की जीत के लिए आपको बधाई हो। ‘एडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल’ लाकर एक बार फिर से भाजपाई ये दिखाना चाहते थे कि वे अपनी मनमानी किसी पर भी थोप सकते हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘ जोड़-तोड़ या किसी भी तरह से बने या मिले बहुमत का मतलब यह नहीं होता कि आप जिसके लिए बदलाव ला रहे हैं उसी की उपेक्षा और हानि कर दें। परिवर्तन से प्रभावित होने वाले पक्ष को उस प्रक्रिया में शामिल करना ही लोकतांत्रिक परंपरा है। ऐसे तो पुराने राजा लोग भी अपने मन से शासन करते थे और फ़ैसले कर लेते थे।’’
यादव ने कहा,‘‘बहुमत यदि ‘एकाकीमत’ जैसा बनते दिखता है तो वह लोकतांत्रिक नहीं हो सकता। बदलाव यदि सहमति से होगा तभी सबके लिए लाभकारी होता है, ऐसे बदलाव को ही ‘सुधार’ कहते हैं और संशोधन सुधार के लिए किये जाते हैं, अपनी सत्ता की हनक दिखाने के लिए नहीं।’’
उन्होंने कहा कि झूठे मुकदमे भाजपा की सियासी साज़िश का बड़ा हिस्सा रहे हैं तथा उसके राज में न्यायिक प्रक्रिया भी राजनीति का शिकार हो गई है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार संशोधन नहीं, ‘लगाम’ लेकर आती है लेकिन वह भूल जाती है कि संगठन की एकजुट शक्ति के आगे कोई भी टिक नहीं पाता है, एकता बड़े-बड़े महारथियों का रथ पलट देती है।
उन्होंने कहा,‘‘हम अधिवक्ताओं की न्यायोचित मांग के साथ मजबूती से खड़े थे, खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंगे।’’
बार निकायों द्वारा इसके विभिन्न प्रावधानों के विरोध के बीच, सरकार ने शनिवार को कहा था कि वह अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक के मसौदे को संशोधित करेगी ।
भाषा जफर राजकुमार
राजकुमार