नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एयरलाइन स्पाइसजेट को शुक्रवार तक अपने तीन इंजन का उपयोग रोक देने तथा 15 दिन के भीतर उन्हें पट्टादाताओं को सौंपने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय ने एयरलाइन को निर्देश दिया कि वह सात दिन के भीतर दिल्ली हवाई अड्डे पर अपने अधिकृत प्रतिनिधियों के माध्यम से पट्टादाताओं, टीम फ्रांस 01 एसएएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएएस को इंजनों का पूर्व निरीक्षण करने की पेशकश करे।
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने आदेश में कहा, ‘‘इस अदालत के पास प्रतिवादी (स्पाइसजेट) को यह निर्देश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि वह तीन इंजनों को 16 अगस्त, 2024 के प्रभाव से खड़ा करे। प्रतिवादी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा कि आज से 15 दिन के भीतर वादी को इंजन की पुन: आपूर्ति की जाएगी।’’
अदालत ने यह आदेश पट्टादाताओं की याचिका पर पारित किया, जिसमें स्पाइसजेट को पट्टा समझौते की समाप्ति पर तीन इंजनों का कब्जा सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
अदालत ने कहा, ‘‘हालांकि यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रतिवादी भुगतान करने के लिए उत्तरदायी रहेगा, जिसकी जिम्मेदारी उसने 29 मई, 2024 के आदेश में 48 लाख अमेरिकी डॉलर के स्वीकृत बकाया और इस अदालत के तत्वावधान में इंजनों के उपयोग के कारण उत्पन्न होने वाले साप्ताहिक भुगतानों के लिए ली थी।’’
उसने कहा, ‘‘इंजनों की वापसी प्रतिवादी को उन भुगतानों के लिए अपने दायित्व से मुक्त नहीं करती है जो स्वीकार्य रूप से देय हैं।’’
अदालत ने कहा, ‘‘स्पाइसजेट चूककर्ता (डिफॉल्टर) है और उसे इंजनों का इस्तेमाल करते रहने का कोई कानूनी और संविदात्मक अधिकार नहीं है।’’
भाषा
वैभव पवनेश
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