नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित मामले में जम्मू-कश्मीर के सांसद रशीद इंजीनियर की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए अदालत नामित करने के मुद्दे पर मंगलवार को रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति विकास महाजन रशीद की उस याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें सांसद ने आरोप लगाया कि पिछले साल लोकसभा में उनके चुने जाने के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत द्वारा इस बात का हवाला देते हुए उनकी जमानत याचिका पर किसी भी तरह का निर्णय नहीं लिया गया कि वह विशेष सांसद/विधायक अदालत नहीं है।
एनआईए की तरफ से पैरवी कर रहे वकील ने संसद सत्र में भाग लेने के लिए अंतरिम जमानत संबंधी राशिद की याचिका का विरोध किया और कहा कि सांसद के तौर पर उन्हें ऐसा कोई ‘‘अधिकार’’ नहीं है।
हालांकि, वकील ने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल ने अदालत निर्धारित करने के मुद्दे पर स्पष्टीकरण के लिए उच्चतम न्यायालय में एक आवेदन दायर किया है।
अदालत को यह भी बताया गया कि पिछले साल नवंबर में एजेंसी ने एनआईए अदालत को सांसद/विधायक मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत के तौर पर निर्धारित करने के मसले पर रजिस्ट्रार जनरल को एक अभ्यावेदन भी दिया था।
न्यायमूर्ति महाजन ने कहा, ‘‘प्रशासनिक आदेश और मसले पर स्पष्टीकरण के संबंध में स्थिति जानने के लिए न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी करना उचित समझा गया है। नोटिस जारी किया जाए।’’
अदालत ने मामले को छह फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
राशिद ने अपनी मुख्य याचिका में उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि या तो एनआईए अदालत द्वारा उनकी लंबित जमानत याचिका का शीघ्र निपटान करने का निर्देश दिया जाए या उच्च न्यायालय मामले पर स्वयं निर्णय ले।
पिछले साल 24 दिसंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने जिला न्यायाधीश से अनुरोध किया था कि रशीद अब सांसद हैं और इसे देखते हुए मामले को सांसदों/विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के समक्ष भेज दिया जाए।
उन्होंने जमानत याचिका पर आदेश सुनाने संबंधी रशीद की अर्जी खारिज कर दी थी।
भाषा खारी नरेश
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