मुंबई, 31 जुलाई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने संगीतकार-गायक अरिजीत सिंह को राहत देते हुए कहा है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की मदद से किसी सेलिब्रिटी की आवाज़, छवि या अन्य विशेषताओं का इस्तेमाल करके बिना सहमति के ‘कंटेंट’ तैयार करना उसके ‘व्यक्तित्व अधिकारों’ का उल्लंघन है।
अदालत ने कहा कि सेलिब्रिटी विशेष रूप से एआई के जरिए अनधिकृत रूप से कंटेंट तैयार करने के मामले में असुरक्षित हैं।
मशहूर गायक की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ ने 26 जुलाई को अपने अंतरिम आदेश में आठ ऑनलाइन मंचों को सिंह के ‘व्यक्तित्व अधिकारों’ का उपयोग करने से रोक दिया और उन्हें ऐसी सभी सामग्री और आवाज की नकल भी हटाने का निर्देश दिया।
गायक ने अदालत का रुख करते हुए दावा किया था कि ये मंच उनकी आवाज़, तौर-तरीकों और अन्य विशेषताओं की नकल करके कृत्रिम ध्वनि रिकॉर्डिंग को संश्लेषित करने के लिए एआई प्रौद्योगिकी मुहैया करते हैं।
अरिजीत के वकील हिरेन कामोद ने कहा कि उनके मुवक्किल ने पिछले कई सालों से जानबूझकर किसी भी तरह के ब्रांड का प्रचार करने या अपने व्यक्तित्व के सकल व्यावसायीकरण से परहेज किया है।
उच्च न्यायालय इस बात पर सहमति जताई कि सिंह को अंतरिम राहत दी जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति चागला ने फैसले में कहा कि वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आलोचना और टिप्पणी की अनुमति देती है, लेकिन व्यावसायिक लाभ के लिए किसी सेलिब्रिटी के व्यक्तित्व का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देती।
अदालत ने कहा, ‘‘ऐसे एआई टूल्स उपलब्ध कराना जो किसी की आवाज को बिना उसकी अनुमति के सेलिब्रिटी की आवाज में परिवर्तित करने में मदद करते हैं, सेलिब्रिटी के व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन है।’’
भाषा धीरज सुभाष
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