पटना, 10 जनवरी (भाषा) प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पटना उच्च न्यायालय का रुख करने वाले अभ्यर्थियों को शुक्रवार को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने की बात कही।
पार्टी के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता वाईवी गिरी ने संवाददाताओं से कहा कि किशोर का आमरण अनशन नौवें दिन में प्रवेश कर गया और उम्मीद है कि छात्र और नीतीश कुमार सरकार किशोर (47) को भोजन शुरू करने के लिए मना लेंगे।
गिरी ने कहा, “बिहार के भविष्य के लिए एक मजबूत और स्वस्थ प्रशांत किशोर की आवश्यकता है। बिहार को पुराने पिछड़ेपन से बाहर निकालने के उनके अभिनव विचारों ने राजनीति में कोई दिलचस्पी न रखने वाले मेरे जैसे लोगों को जन सुराज में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।”
उन्होंने कहा, “अब जबकि मामला अदालत में पहुंच गया है तो कुछ राहत मिलने की संभावना है। अदालत ने मामले की सुनवाई 15 जनवरी को करने पर सहमति जताई है, जो अगला कार्यदिवस है। मैं अब उन अभ्यर्थियों से आग्रह करूंगा कि वह उनपर (प्रशांत किशोर) अनशन समाप्त करने के लिए दबाव डालें।”
यह पूछे जाने पर कि क्या जन सुराज पार्टी ने याचिकाकर्ता के रूप में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, गिरि ने कहा, “हम उन अभ्यर्थियों को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान कर रहे हैं, जो याचिका दायर करने के इच्छुक हैं। वे लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन बीपीएससी ने सुनने से इनकार कर दिया है, शायद उन्हें डर है कि उनकी विफलताएं उजागर हो सकती हैं।”
उल्लेखनीय है राज्य भर में 900 से अधिक केंद्रों पर लगभग पांच लाख अभ्यर्थी परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे।
वहीं बापू परीक्षा केंद्र में सैकड़ों परीक्षार्थियों ने प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए 13 दिसंबर की परीक्षा का बहिष्कार किया था।
भाषा अनवर जितेंद्र
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