अगली बिजाई तक नेफेड की बिकवाली बंद होने से सोयाबीन, मूंगफली सहित तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

Ankit
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नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) सोयाबीन की जून-जुलाई में होने वाली अगली बिजाई से पहले सरकार की ओर से सहकारी संस्था नेफेड को इसकी बिक्री रोकने का निर्देश दिये जाने के बाद देश के तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को सोयाबीन के साथ साथ मुख्यत: मूंगफली तेल-तिलहन के अलावा बाकी सभी तेल-तिलहनों (सरसों, तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल) के दाम पर्याप्त सुधार के साथ बंद हुए।


मलेशिया एक्सचेंज और शिकॉगो एक्सचेंज में तेजी है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि प्रमुख तेल संगठन ‘सोपा’ की ओर से सरकार को सोयाबीन के बारे में स्थितियों से अवगत कराया गया और सरकार ने नेफेड को अगली बिजाई तक सोयाबीन की किसी भी तरह की बिक्री को रोकने को कहा है। इसके बाद सोयाबीन, मूंगफली के अलावा बाकी तेल-तिलहनों के दाम सुधरते चले गये।

सोयाबीन के दाम में लगभग 3-3.5 प्रतिशत का सुधार हुआ है और अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से सोयाबीन का हाजिर दाम का अंतर, जो पहले अधिक था वह, घटकर 12-13 प्रतिशत ही रह गया है।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन के दाम में सुधार के बाद किसानों ने अपने माल को रोक-रोक के लाना शुरु कर दिया है। पॉल्ट्री कारोबार की बहुतायत वाले राज्य महाराष्ट्र में सोयाबीन की लिवाली अधिक है और नेफेड की बिकवाली रुकने से सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम मजबूत हुए।

सूत्रों ने कहा कि पामोलीन से सस्ता होने, आवक कम रहने और मांग बढ़ने तथा सोयाबीन के दाम में आये सुधार के कारण सरसों तेल-तिलहन में भी सुधार आया। देश की कुछ मंडियों में सरसों के दाम एमएसपी से अधिक भी हुए हैं और अन्य स्थानों पर यह भाव एमएसपी के आसपास मंडराने लगा है जो पहले एमएसपी से कम हुआ करता था।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन के दाम में आये सुधार का अच्छा असर मूंगफली पर देखने को मिला जो पहले एमएसपी से काफी नीचे दाम पर बिक रहा था। मांग होने से इसमें सुधार आया लेकिन अभी भी इसका हाजिर दाम एमएसपी से 10-12 प्रतिशत नीचे है।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया में कारोबार पर सट्टेबाज हावी हैं और पाम-पामोलीन के दाम ऊंचे बोले जा रहे हैं जबकि उनका निर्यात घटा है और खाद्यतेलों का स्टॉक बढ़ा है। इस वजह से पाम-पामोलीन में सुधार है पर मौजूदा दाम पर लिवाली कम है।

उन्होंने कहा कि आवक घटने और उपलब्धता कम रहने के बीच बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,275-6,375 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,850-6,225 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,650 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,290-2,590 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,38-2,480 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,380-2,505 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,350 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,400-4,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,100-4,150 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण



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