अखिलेश ने काम से जुड़े तनाव दूर करने के लिए नीतियों में सुधार का अनुरोध किया |

Ankit
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लखनऊ, 19 सितंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को काम से जुड़े तनाव को दूर करने के लिए केंद्र से तत्काल नीतिगत सुधारों का आह्वान करते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रगति तभी संभव होगी जब ‘देश का मानसिक स्वास्थ्य’ अच्छा होगा।


उन्होंने जुलाई में महाराष्ट्र के पुणे में एक प्रमुख कॉरपोरेट कंपनी की उस 26 वर्षीय कर्मचारी की मौत का जिक्र किया जिसके परिवार ने आरोप लगाया है कि ‘अत्यधिक काम के दबाव’ और ‘तनाव’ ने उनकी बेटी की जान ले ली।

यादव ने ‘एक्स’ पर हिंदी में लिखा,‘‘संतुलित कार्य-जीवन अनुपात (बैलेंस वर्क लाइफ रेशियो) किसी भी देश के विकास का एक मानक होता है। कर्मचारी जिन चुनौतियों से जूझ रहे हैं वह एक कंपनी या सरकार के किसी एक विभाग की बात नहीं है,बल्कि कमोबेश हर क्षेत्र में विद्यमान हैं।’’

उन्होंने कहा कि देश की सरकार से लेकर कॉरपोरेट जगत तक को युवती के मां की ओर से लिखे भावुक पत्र को एक चेतावनी और सलाह के रूप में लेना चाहिए। यदि काम की दशाएं और परिस्थितियां ही अनुकूल नहीं होंगी तो कार्य निष्पादन (परफॉरमेंस) और परिणाम कैसे अनुकूल होंगे। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में नियम-कानून से अधिक आर्थिक हालात को सुधारने की जरूरत है।

यादव ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों और बेतहाशा कर लगाने की वजह से बेरोजगारी बढ़ी है और मांग घटी है जिसके परिणामस्वरूप घटते संसाधनों के बावजूद कर्मचारियों पर अधिक से अधिक कार्यनिष्पादन को लेकर बहुत ज्यादा दबाव है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘सरकार जिस दिन अपनी कमियों को स्वीकार करके सकारात्मक आर्थिक नीतियां बनाएगी (कर प्रणाली को पारदर्शी और उचित बनाना और काम करने की दशा में सुधार करना) उस दिन से सभी क्षेत्रों के कर्मचारियों के जीवन में अहम सुधार दिखेगा।

सपा अध्यक्ष ने कहा,‘‘तरक्की तभी संभव है जब देश का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होगा। इस संदर्भ में सरकार को सबसे पहले अपनी सोच और काम करने के तरीकों को बदलना होगा। अधिक से अधिक घंटे काम करने का दिखावटी पैमाना नहीं, बल्कि यह आधार होना चाहिए कि अंत में परिणाम क्या निकला।’’

यादव ने कॉरपोरेट मामले और श्रम जैसे केंद्रीय मंत्रालयों के अलावा ‘इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स’ को भी टैग किया है।

भाषा जफर संतोष

संतोष



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